
🔷 क्या है राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस?
हर साल 21 अप्रैल को भारत में राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन सभी भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों (IAS, IPS, IFS आदि) को समर्पित है जो राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। इस दिन का उद्देश्य है – उनके योगदान को पहचान देना, सराहना करना और प्रशासनिक प्रणाली में नवाचार को प्रोत्साहित करना।
🔷 इतिहास: क्यों चुनी गई 21 अप्रैल की तारीख?
इस दिन की नींव 1947 में पड़ी, जब भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाफ हाउस में पहली बार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के प्रशिक्षुओं को संबोधित किया। उन्होंने इन्हें “भारत की स्टील फ्रेम” कहा – यानी देश की रीढ़ की हड्डी।
उनका भाषण प्रशासनिक इतिहास में एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखा जाता है, जिसमें उन्होंने सिविल सेवकों से निष्पक्षता, ईमानदारी और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की अपील की थी।
🔷 राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस 2025 का समारोह
इस वर्ष 2025 में, राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सिविल सेवकों को संबोधित किया। साथ ही उन्होंने “प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार” भी प्रदान किए, जो प्रशासन में नवाचार और जनहितकारी कार्यों के लिए दिए जाते हैं।
इस वर्ष की थीम रही: “नवाचार और समावेशिता के साथ परिवर्तनकारी शासन”
इस अवसर पर उन्होंने 8 जिलों और 4 योजनाओं को “प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार” से सम्मानित किया।
उन्होंने यह भी कहा कि, “सिविल सेवक सरकार के चेहरे होते हैं, जनता उनसे सीधे जुड़ती है। आपकी नीतियों की सफलता, व्यवहार और दृष्टिकोण पर निर्भर करती है।”

🔷 उद्देश्य
- सिविल सेवकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित करना
- नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन को बढ़ावा देना
- जनता से जुड़ी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करना
- ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना
🔷 भारतीय सिविल सेवा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (IAS/IPS Officers Facts)
- 1950 में पहली बार IAS का बैच नियुक्त हुआ था।
- भारत की पहली महिला IAS अधिकारी थीं अन्ना राजम मल्होत्रा, जिन्होंने 1951 में सेवा जॉइन की थी।
- स्वतंत्र भारत के पहले IAS अधिकारी थे विट्ठलभाई पटेल।
- सिविल सेवा की जड़ें ब्रिटिश राज से जुड़ी हैं, जब इसे ICS (Indian Civil Services) कहा जाता था।
भारतीय सिविल सेवाएं केवल प्रशासन का हिस्सा नहीं, बल्कि देश की एकता, विकास और सेवा भावना का प्रतीक भी हैं। आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ अनोखे और प्रेरणादायक तथ्य:
🔹 ऐतिहासिक और प्रेरक तथ्य:
- 🕰️ 1947 के बाद वर्तमान भारतीय सिविल सेवा ढांचे की स्थापना हुई।
- 👨🎓 सत्येंद्रनाथ टैगोर 1864 में इंडियन सिविल सर्विस (ICS) में शामिल होने वाले पहले भारतीय थे।
- 👔 कैबिनेट सेक्रेटरी का पद IAS अधिकारी के लिए सबसे ऊंचा पद होता है।
- 📅 आर. पिल्लै 1950 से 1953 तक पहले कैबिनेट सेक्रेटरी रहे।
- 🇮🇳 सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्रता के बाद सिविल सेवाओं को देश की एकता का आधार बताया।
🔹 महिलाओं की ऐतिहासिक भागीदारी:
- 👩💼 अन्ना जॉर्ज मल्होत्रा भारत की पहली महिला IAS अधिकारी थीं।
- 👮♀️ किरण बेदी भारत की पहली महिला IPS अधिकारी बनीं।
- 🌏 विजयलक्ष्मी पंडित, भले ही IFS में नहीं थीं, लेकिन भारत की पहली महिला राजदूत बनीं।
- 🦯 बेनों ज़ेफिन एन.एल. भारत की पहली दृष्टिहीन IFS अधिकारी हैं।
🔹 अन्य महत्वपूर्ण नाम:
- 🌐 पी. शिवशंकर मेनन भारत के पहले विदेश सचिव थे।
🔷 सिविल सेवा में करियर क्यों चुनें?
सिविल सेवा केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि देश सेवा का एक मिशन है। UPSC, RPSC जैसी परीक्षाओं के माध्यम से युवा इस सेवा में प्रवेश कर सकते हैं और देश के हर कोने में परिवर्तन ला सकते हैं।
मुख्य सेवाएं:
- IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा)
- IPS (भारतीय पुलिस सेवा)
- IFS (भारतीय विदेश सेवा)
- IRS (भारतीय राजस्व सेवा) आदि
🔷 निष्कर्ष
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस हम सभी को यह याद दिलाता है कि एक मजबूत, पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन ही किसी भी लोकतंत्र की नींव होता है। आइए, इस अवसर पर हम उन सभी सिविल सेवकों को धन्यवाद दें, जो देश के हर कोने में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
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